Sunday, January 22, 2017

प्राकृतिक रूप से केसै ठीक करे हार्मोन -2

ओमेगा 3 फैटी एसिड ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्मोन को बैलेंस करने में काफी ज्‍यादा मददगार होते हैं। यह मासिक धर्म के तेज दर्द को शांत करने तथा रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करते हैं। आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड मछली, अलसी के बीज, अखरोट, सोया बींस, टोफू और ऑलिव ऑइल से प्राप्‍त हो सकता है। आप डॉक्‍टर से पूंछ कर ओमेगा 3 की गोलियां भी ले सकती हैं।
विटामिन डी विटामिन डी पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है जहां पर हार्मोन की एक श्रृंखला का उत्पादन होता है। यह एस्ट्रोजन के कम स्तर के लक्षणों को धीमा कर सकता है। यह वजन और भूंख को भी प्रभावित करता है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो, शरीर में पैराथायरॉयड हार्मोन का असामान्य स्‍त्राव होने लगेगा।

व्‍यायाम नियमित रूप से 20 से 30 मिनट की रोजाना एक्‍सरसाइज से आपके हार्मोन बैलेंस हो सकते हैं। इससे स्‍ट्रेस का लेवल भी कम हो सकता है क्‍योंकि स्‍ट्रेस हार्मोन इस्‍ट्रोजेन हार्मोन को ब्‍लॉक कर देता है, जिससे पूरे शरीर को परेशानी भुगतनी पड़ती है। आप रोजाना स्‍विमिंग, जॉगिंग या योगा कर सकती हैं।
अश्वगंधा यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लेने से आपका सारा तनाव दूर हो जाएगा और आपकी थकान मिट जाएगी। साथ ही यह शरीर के अंदर का हार्मोन इंबैलेंस भी संतुलित कर देता है। यह टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन हार्मोन को भी बढाता है। साथ ही यह थायराइड की गतिविधि में भी सुधार करता है। कुछ महीनो तक अश्वगंधा की 300 एमजी की मात्रा का सेवन करें। लेकिन डॉक्‍टर से जरुर परामर्श ले लें।

तुलसी यह शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को स्थिर रखती है। अगर कोर्टिसोल का लेवल बढ गया तो यह थायराइड ग्रंथी, ओवरी और अग्न्याशय को प्रभावित कर सकता है। साथ ही यह हमारे मूड पर भी गहरा असर डालता है। इसे बैलेंस करने के लिये आपको कुछ महीनों तक दिन में कुछ तुलसी की पत्‍तियां चबानी होंगी। आप चाहें तो तुलसी को गरम पानी में उबाल कर और छान कर 3 कप दिन में पी सकती हैं।

मेथी दाना माना जाता है कि मेथी एस्ट्रोगेनिक इफ़ेक्ट को बढावा देता है। आयुर्वेदिक डॉक्‍टर्स भी इसे जड़ी बूटी समान मानते हैं। यह प्राकृतिक रूप से ब्रेस्‍ट के साइज और स्‍तनपान में बढावा करती है। साथ ही यह लो ब्‍लड शुगर और ग्‍लूकोज मेटाबॉल्‍जिम की खराबी को ठीक करती है, जिससे वजन बढता है। रोजाना एक कप गरम पानी में 1 चम्‍मच मेथी दाने को 15 मिनट तक के लिये भिगो कर फिर छान कर दिन में 3 बार पियें। इसके साथ में आप नींबू या शहद भी मिक्‍स कर सकती हैं। अगर मेथी आपको सूट न करे, तो आप सौंफ का सेवन कर सकती हैं।

नारियल तेल एकस्‍ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल प्राकृतिक रूप से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक कर देता है। यह ब्‍लड शुगर लेवल, प्रतिरक्षा को बढाता है और वजन कम करता है। यह दिल के लिये बिल्‍कुल भी हानिकारक नहीं है। आप को हर दिन 2 से 3 चम्‍मच एकस्‍ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल जरुर खाना चाहिये।

Thursday, January 12, 2017

प्राकृतिक रूप से केसै ठीक करे हार्मोन

परिचय हमारे शरीर में हार्मोन एक अहम स्‍थान रखता है क्‍योंकि यह शरीर के काम-काज को नियंत्रित करता है। अगर शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाए तो शरीर के काम में गड़बड़ी पैदा हो जाती है और दिक्‍कतें शुरु हो जाती है। आमतौर पर हार्मोनल परिवर्तन यौवन, मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान ही देखा जाता है। मगर आज के युग में उम्र, खराब डाइट, खूब ज्‍यादा या फिर बिल्‍कुल कम व्‍यायाम, नींद में कमी, तनाव, बर्थ कंट्रोल पिल्‍स और कीटनाषक जैसे विषाक्‍त पदार्थ हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं। अगर किसी इंसान को हार्मोन असंतुलन की समस्‍या हो गई है तो, वह घबराहट, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, अनिद्रा, थकान, वजन समस्‍या, अतिरिक्त बालों का विकास या बालों के झड़ने, सिरदर्द, कम सेक्स की इच्‍छा, तेलिय या शुष्क त्वचा, मुँहासे, भूंख लगना, बांझपन और अन्‍य कई समस्‍याएं हो सकती हैं। कई महिलाएं सारी उम्र हार्मोनल असंतुलन से परेशान रहती हैं। आज महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन इसलिए अधिक हो रहा है क्योंकि भोजन में गड़बड़ी आ गई है।

Wednesday, January 11, 2017

Saftey for hormone imbalance in hindi

भरपूर नींद है जरूरी नींद की कमी या अधूरी नींद के कारण कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं होती हैं। हार्मोन में असंतुलन भी इसके कारण हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को अधिक समस्‍या होती है। इसलिए रोजाना 7-9 घंटे की नींद जरूर लीजिए।
तनाव से बचें वर्तमान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे तनाव न होता हो। तनाव रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्‍सा बन गया है। तनाव हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करता है और इसके कारण हार्मोन में भी असंतुलन हो जाता है। गर्भवती महिलाओं को तनाव बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। तनाव से बचने के लिए योग और ध्‍यान कीजिए।

नियमित व्‍यायाम करें व्‍यायाम शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए बहुत जरूरी है। नियमित व्‍यायाम से न केवल आप फिट रहते हैं, बल्कि इससे होने वाली सामान्‍य और खतरनाक बीमारियों से भी बचाव किया जा सकता है। इसलिए नियमित रूप से व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। रोज कम से कम 30-40 मिनट तक व्‍यायाम जरूरी है।

टॉक्सिन्स से बचें विषाक्‍त पदार्थ जब हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, तब हार्मोन में असंतुलन होता है। सबसे अधिक विषाक्‍त पदार्थ प्‍लास्टिक के प्रयोग से शरीर में प्रवेश करते हैं। प्‍लास्टिक की बोतल से पानी पीने, प्‍लास्टिक के बर्तन में खाद्य पदार्थ गरम करने के बाद उनका सेवन करने से भी टॉक्सिन शरीर में जाता है। दरअसल, प्‍लास्टिक की बोतल या बर्तन बनाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला बाइसफेनोल ए नामक रसायन जब पेट में पहुंचता है, तब इसके कारण पाचन क्रिया के साथ हार्मोन पर भी असर पड़ता है।

Sunday, January 1, 2017

Safety for hormone imbalance

पॉली-अनसैचुरेटेड फैट से बचें मनुष्य के शरीर में 97 प्रतिशत संतृप्‍त और असंतृप्‍त वसा होती है, वहीं केवल 3 प्रतिशत पॉली-अनसैचुरेटेड वसा होती है। इसमें आधी वसा ओमेगा3 फैटी एसिड होती है जो शरीर में संतुलन बनाने के लिए जरूरी है। वनस्‍पति तेल में बहुत अधिक मात्रा में पॉली-अनसैचुरेटेड फैट होता है, जिसका प्रयोग हम बहुत पहले से करते आ रहे हैं। लेकिन अगर शरीर में इनकी मात्रा बढ़ जाए तो स्किन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए वनस्पति तेल, मूंगफली तेल, कनोला तेल, सोयाबीन तेल आदि का सेवन करने से बचें। इनकी जगह नारियल तेल या जैतून के तेल का प्रयोग करें। इनमें ओमेगा3 होता है।

चाय कॉफ़ी से बचें अगर आप चाय और कॉफी के शौकीन हैं तो इसका सेवन कम कर दें। इसके कारण हार्मोन में असंतुलन हो सकता है। कैफीन का अधिक सेवन इंडोक्राइन ग्रंथि को प्रभावित करता है और इसके कारण सबसे अधिक हार्मोन का असंतुलन गर्भावस्‍था के दौरान होता है। इसलिए कॉफी का सेवन करने की बजाय ग्रीन टी का सेवन करना अधिक फायदेमंद है

Sunday, December 25, 2016

Harmone problem in hindi

हार्मोन संतुलन है जरूरी हार्मोन असंतुलन होने पर कई प्रकार की स्‍वास्थ्‍य संबंधी समस्‍याएं पैदा हो जाती हैं। हार्मोन्स न सिर्फ शरीर की वृद्धि और विकास को प्रभावित करते हैं, बल्कि नर्वस सिस्टम की गतिविधियों को कंट्रोल करते हैं। स्‍वस्‍थ Anchorरहने के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बना रहे। हार्मोन्स शरीर को ही नहीं, मस्तिष्क और भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं। खानपान में अनियमितता, व्‍यायाम की कमी, तनाव आदि के कारण इसमें असंतुलन हो जाता है। इसे संतुलित रखना बहुत मुश्किल नहीं है। आसान तरीकों से आप इस पर नजर रख सकते हैं।

हार्मोन क्या है
हार्मोन किसी सेल या ग्लैंड द्वारा निकले ऐसे केमिकल हैं जो शरीर के दूसरे हिस्से की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। शरीर का‍ विकास, मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम पर इनका सीधा प्रभाव होता है। हमारे शरीर में कुल 230 हार्मोन होते हैं, जो शरीर की अलग-अलग क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। हार्मोन की छोटी-सी मात्रा ही कोशिका के मेटाबॉलिज्म को बदलने के लिए पर्याप्‍त है। यह एक केमिकल मैसेंजर की तरह एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक निर्देश पहुंचाते हैं। अधिकतर हार्मोन्स का सर्कुलेशन ब्लड के द्वारा होता है। कुछ हार्मोन दूसरे हार्मोन को भी नियंत्रित करते हैं।